क्या आपको पता है कि आपके क्रेडिट कार्ड पर इनकम टैक्स विभाग ने एक लिमिट लगाई हुई है। यदि आप इस लिमिट से ज्यादा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो, आपको इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आ सकता है।
यदि आप क्रेडिट कार्ड से ₹100000 से ज्यादा कैश विड्रोल करते हैं या फिर 10 लख रुपए से ज्यादा का पेमेंट क्रेडिट कार्ड से करते हैं तो, भारत में आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से नोटिस आ सकता है।
आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में जानेंगे कि आप इस इनकम टैक्स नोटिस से कैसे बच सकते हैं? साथ ही साथ यदि आपके पास यह इनकम टैक्स का नोटिस आ चुका है तो,आपको इसे किस प्रकार से हैंडल करना है।
क्रेडिट कार्ड पर क्या है इनकम टैक्स विभाग के नियम ?
आयकर विभाग ने यह जिम्मेदारी बैंक्स को दे रखी है कि यदि कोई ट्रांजैक्शन हाई वैल्यू का है तो, उसे बैंक्स आयकर विभाग को रिपोर्ट करें। इसके लिए एक 61A फॉर्म बैंक्स के पास होता हैं।बैंक्स इस फॉर्म आयकर विभाग को सबमिट करते हैं। इसके लिए एक अलग से आयकर दाताओं की लिस्ट बनाई जाती है।
यह जिम्मेदारी करदाता की भी होती है कि वह अपना इनकम टैक्स भरते समय हाई वैल्यू क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए 26AS फॉर्म को सबमिट करें। इस फॉर्म को सबमिट करने के बाद आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से कोई भी नोटिस आने की उम्मीद बहुत कम हो जाती है।
इनकम टैक्स विभाग क्या करता है इन दोनों फॉर्म्स का ?
बैंक के पास जमा लिस्ट से आपके इनकम टैक्स को मैच किया जाता है। इन दोनों फार्म्स को मैच करने के बाद इनकम टैक्स विभाग इस नतीजे पर पहुंचता है कि, वह करदाता को नोटिस जारी करेगा या नही।
यदि आपने अपने इनकम टैक्स फॉर्म में अपने हाई वैल्यू क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन की जानकारी सही तरीके से नहीं दी है तो, इनकम टैक्स विभाग आपके पूरे क्रेडिट प्रोफाइल को चेक करता है। इसके बाद सभी ट्रांजैक्शंस का मिलान किया जाता है।यदि सब कुछ सही रहता है तो, आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से कोई भी नोटिस प्राप्त नहीं होता है।
यदि आप यह सोच रहे हैं कि भारत में 7 से 8 करोड लोग इनकम टैक्स भरते हैं। ऐसे में आपकी फाइल को ही विभाग क्यों चेक करेगा? विभाग के पास इतना समय कहां से होता है कि, वह प्रत्येक फाइल को इंडिविजुअल लेवल पर चेक करेगा। तो हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि आजकल ऐसे हाईटेक सॉफ्टवेयर आ गए हैं जो की, एक क्लिक में ही ऐसे इनकम टैक्स होल्डर की जानकारी विभाग को दे देता है। जिनको नोटिस जारी करना है।
मान लीजिए की आपके पास पहले साल नोटिस नहीं आता है तो, भी विभाग के पास यह शक्ति होती है कि, वह अगले 7 साल तक आपको कोई भी नोटिस जारी कर सकता है।
मनी रोटेशन की स्थिति में भी आ सकता है इनकम टैक्स विभाग का नोटिस
क्रेडिट कार्ड पर इनकम टैक्स का नोटिस की दो स्थितियां हो सकती है।
मान लीजिए आपकी इनकम जीरो है फिर फिर भी आप अपने क्रेडिट कार्ड से भारी ट्रांजैक्शन कर रहे हैं तो, इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आपको इस स्थिति में भी आ सकता है।
मनी रोटेशन की स्थिति में भी क्रेडिट कार्ड पर इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आ सकता है। यदि आपके पास बहुत सारे क्रेडिट कार्ड है। और आप एक क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान दूसरे क्रेडिट कार्ड से कर रहे हैं तो, भी आपके पास इनकम टेक्स विभाग का नोटिस आ सकता है।
यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड से दूसरे क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान 25 लाख रुपए से ज्यादा किया है। तब भी आपके पास यह नोटिस आ सकता है।
इसके अलावा दूसरी स्थिति यह हो सकती है कि, आपने अपने क्रेडिट कार्ड पर ₹100000 से ज्यादा का रिवॉर्ड कमाए है। तब भी आपके पास इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आ सकता है।
इसके अलावा यदि आप अपने क्रेडिट कार्डसे 1 साल में 20 लख रुपए से ज्यादा का ट्रांजैक्शन अपने क्रेडिट कार्ड से किया है। तब आपको जीएसटी विभाग की तरफ से नोटिस आ सकता है। क्योंकि भारत में एक अकाउंट पर 20 लख रुपएसे ज्यादा का ट्रांजैक्शन नहीं किया जासकता है। इसके ऊपर ट्रांजैक्शन करने पर आपको जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है। जीएसटी विभाग 20 लख रुपए से ट्रांजैक्शन के ऊपर यह मान लेता है कि आपने बिजनेस के लिए यह सारे ट्रांजैक्शन किए हैं। और जीएसटी विभाग की तरफ से आपको जीएसटी के भुगतान के लिए कहा जा सकता है।
रिवार्ड्स पर भी करना होगा इनकम टैक्स का भूगतान
यदि आपने कोई भी इनकम रीवार्ड्स के माध्यम से कमाई है तो, उसे पर भी आपको इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत के इनकम टैक्स विभाग के अनुसार यह इनकम OTHER सोर्स कैटेगरी में आती है।
यदि आपने 1 साल में ₹50000 से ज्यादा का रिवॉर्ड अपने क्रेडिट कार्ड कमाया है तो, आपको इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा।
इनकम टैक्स विभाग की तरफ से यदि आपको नोटिस आया है तो, आपको इसका जवाब तुरंत देना चाहिए। क्योंकि इनकम टैक्स विभाग आपसे एक निश्चित तारीख तक जवाब मांगता है। यदि आप जवाब नहीं देते हैं तो, आपको ₹500 प्रतिदिन के जुर्माने का भुगतान करना होगा।
यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड के अलावा फॉरेक्स क्रेडिट कार्ड भी है।तब भी दोनों की लिमिट मिलकर 10 लख रुपए सालाना ही होगी। हां इसमें से आपके डेबिट कार्ड को अलग कर सकते हैं। डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन को आप इससे अलग रखें यह इसमें नहीं जुड़ती है।
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