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सबसे अच्छे होम लोन का चुनाव कैसे करें?

 कोरोना वायरस महामारी के बाद लोगों को घर की जरूरत महसूस होने लगी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या आपको घर खरीदना चाहिए? सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि आपको होम लोन लेकर लेकर घर खरीदना चाहिए या नहीं? होम लोन लेते समय कौन सी बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए? आज हम इस बारे में भी डिस्कस करेंगे।

भारत में आने वाले 10 से 20 सालों में होम लोन और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग बनी रहेगी। क्योंकि इस दौरान भारत की जनसंख्या कम नहीं होने वाली है।

 बड़ी संख्या में लोग गांव से शहरों की तरफ भी माइग्रेट कर रहे हैं। इस वजह से शहरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग आने वाले सालों में बनी रहेगी। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या आपको इस दौरान अपना खुद का घर खरीदना चाहिए? या फिर आपको रेंट के घर में रहना चाहिए?

 यदि आप अपना खुद का घर खरीदते हैं तो फिर क्या आपको होम लोन लेकर घर खरीदना चाहिए। आज हम इन्हीं सवालों के जवाब देंगे। साथ ही बताएंगे कि आपको होम लोन किस कंडीशन पर लेना चाहिए?

क्या आपको घर खरीदना चाहिए ?

सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या आपको घर खरीदना चाहिए? आपको यह बात अपनी जरूरत के अनुसार देखनी चाहिए। भारत में घर खरीदना एक इमोशनल पहलू ज्यादा है। हमें एक अलग सेटिस्फेक्शन घर खरीदने के बाद मिलता है। यह आमतौर पर भारत में देखा जाता है।

घर खरीदने से पहले आपको अपनी जरूरतें भी देखनी चाहिए? कोरोना वायरस महामारी के बाद में work-from-home का कल्चर अब स्टैबलिश हो चुका है। बहुत से कंपनी अपने कर्मचारियों को अब घर से ही काम करवा रही है। भले ही परिस्थितियां धीरे-धीरे नॉर्मल हो रही हो। ऐसे में घर में स्पेस की जगह कम पड़ रही है।

 ऐसे में यदि आप सोच रहे हैं कि नया घर खरीदनी चाहिए, तो अपने डिमांड क्राइटेरिया को पूरी तरीके से समझ ले। उसी के बाद कोई होम लोन लेने के बारे में फैसला करें।

वर्क फ्रॉम होम के कारण अब लोगों को घर में एक अलग कमरा चाहिए होता है। जब work-from-home करने वाले एक घर में दो या दो से अधिक होते हैं तो, यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है।

कोरोनावायरस महामारी के बाद में दुनिया भर में लोगों में अपना घर खरीदने को लेकर चाहत बड़ी है। ऐसा ही मामला भारत में भी देखा गया है। इसी कारण कोरोनावायरस महामारी के बाद में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी मार्केट में सबसे ज्यादा बूम देखा गया है।

क्या होम लोन लेने का यह सही समय है?

अब यहां पर सवाल यह उठता है कि क्या होम लोन लेने का यह सही समय है? तो इसका सिंपल सा जवाब यह है कि वर्तमान में दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है। हालांकि भारत सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए कुछ कदम जरूर उठाए हैं। और इसका प्रभाव भी मार्केट में देखने को मिल रहा है। होम कंस्ट्रक्शन से जुड़ी जरूरी चीजों जिसमें लोहा सरिया स्टील सीमेंट और दूसरे कंपोनेंट शामिल है। उनकी कीमतों में कमी आई है।

 हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महंगाई को कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। लेकिन अभी भी यह ब्याज दरें इतनी ज्यादा नहीं है कि, आप होम लोन लेने के बारे में न सोचे।

 आने वाले समय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दरों में और भी बढ़ोतरी कर सकता है। ऐसे में होम लोन लेने का यह सही समय हो सकता है। आने वाले 2 से 3 साल तक होम लोन की दरें इससे नीचे नहीं जाने वाली है। ऐसे में यदि आपको होम लोन की अभी जरूरत है तो, फिर आपको होम लोन ले लेना चाहिए।

यदि आप अभी होम लोन ले रहे हैं तो, आपको प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ मिल सकता है। जिसमें आपको 3% से लेकर 6% तक ब्याज में छूट मिल सकती है। यदि ऐसा होता है तो आपकी होम लोन की ईएमआई और भी कम हो जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में आपको इस योजना का जल्दी से जल्दी लाभ उठाना चाहिए। हालांकि ऐसा तभी होगा जब आपका ही है पहला रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी होगी।

आपको कितना होम लोन लेना चाहिए ?

अभी यहां पर सवाल यह उठता है कि आपकी जरूरत के अनुसार आप कितना होम लोन लेना चाहिए? इसका एक सीधा सा फार्मूला है। वैसे बहुत सारे लोग होम लोन के अमाउंट को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं और भी जरूरत से ज्यादा होम लोन ले लेते हैं। जिसका बाद में उन्हें इंटरेस्ट पेमेंट करना पड़ता है।

सबसे पहले आप अपनी जरूरत को समझे। जरूरत के अनुसार ही होम लोन ले। याद रखे ज्यादा होम लोन लेने पर आपको बिना फालतू के इंटरेस्ट पर करना पड़ेगा। जिसका कोई भी मतलब नहीं बनता है।

होम लोन लेने के लिए आप एक और फार्मूला लागू कर सकते हैं। यदि आप होम लोन ले रहे हैं तो, अपनी सैलरी को देखें। आप अपनी सैलरी का 25% ही होम लोन लेना पसंद करें। इससे ज्यादा होम लोन लेने पर आपको एमआई पेमेंट करने में दिक्कत आती है।

 हालांकि कुछ एक्सपर्ट 30% तक भी लेकर जाते हैं। लेकिन आप 5% का स्कोप आने वाली किसी भी कठिनाई के लिए रख सकते हैं। जिसमें कार लोन और दूसरी प्रकार की आर्थिक समस्याएं है।

हम आपको एक उदाहरण देकर समझाते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपकी सैलरी ₹20000 प्रतिमाह है तो, आपको इसका 25% ही होम लोन लेना चाहिए। यदि आप ₹100000 का लोन होम लोन के रूप में ले रहे हैं तो, आपको ₹850 प्रतिमाह यह ईएमआई के रूप में चुकाने होंगे। यदि आपके ₹20000 सैलरी है तो आप 1500000 रुपए तक का लोन ले सकते हैं। यह आपके लिए एक कंफर्टेबल जॉन हो सकता है।

 इसके आगे भी आपको ज्यादा लोन लेने की जरूरत पड़ती है तो, आपको अपनी इनकम बढ़ानी होगी। या किसी दूसरे सोर्स के लिए काम करना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो, आपकी लाइफ स्टाइल प्रभावित हो सकती है। जो कि किसी भी कीमत पर सही फैसला नहीं होगा।

आपको अपनी हो सैलरी पर कितना होम लोन लेना चाहिए? यह आप गूगल पर एक क्लिक में भी चेक कर सकते हैं। आजकल बहुत सारी होम लोन कैलकुलेटर उपलब्ध है। आपको बैंक की वेबसाइट पर भी होम लोन केलकुलेटर के ऑप्शन मिल जाएंगे। इसके अलावा जब आप अपने बैंक में जाकर बात करेंगे तो, वहां पर भी आपको होम लोन का यह गणित समझा दिया जाएगा।

होम लोन इंटरेस्ट रेट

यदि आप अभी होम लोन लेना पसंद करते हैं तो, आपको 8% के आसपास की ब्याज दर देखने को मिल सकती है। जो कि काफी सही है। यदि आप प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाते हैं तो, आपको इसमें 3% कम से कम छूट मिल सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप की कमाई किस स्लैब में आती है?।

यदि आप होम लोन लेकर कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो, आपको ब्याज पर 1 साल में ₹200000 की इनकम टैक्स छूट भी मिलती है। यदि आपको इस छूट का लाभ उठाना है तो आपको होम लोन लेना चाहिए।

होम लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?

एक अच्छे होम लोन प्रोवाइडर का हम बहुत सारी बातों का ध्यान रखकर आसानी से चुनाव कर सकते हैं। सबसे पहली और जरूरी बात तो यह है कि होम लोन पर मिलने वाली इंटरेस्ट रेट मार्केट में सबसे कम होनी चाहिए।

 हालांकि इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपका होम लोन प्रोवाइडर भरोसेमंद हो। अब भारत के किसी भी रजिस्टर्ड प्राइवेट या सरकारी बैंक से होम लोन ले सकते हैं।

भारत में बैंक आमतौर पर दो प्रकार के होम लोन प्रोवाइड करवाते हैं। पहले होते हैं फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट होम लोन और दूसरे होते है फ्लोटिंग होम लोन। अब हम यहां पर समझने के प्रयास करते हैं कि इन दोनों होम लोन में मूलभूत क्या अंतर है?

Fixed rate home loan

Fixed rate home loan वे होते हैं। जिनमें लोन लेते समय ही ब्याज दरें निश्चित कर दी जाती हैं। अब चाहे बाजार में होम लोन की ब्याज दरें कम हो या ज्यादा, इससे आपको कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। जब तक आपका होम लोन पूरी तरीके से नहीं चूकता है। आपकी होम होम लोन की ब्याज दरें निश्चित रहेंगी। इससे आपको यह कैलकुलेट करने में मदद मिलती है कि आपको 1 महीने में होम लोन के लिए कितनी बचत करनी है।

 आपको इसके लिए बाजार और आरबीआई पर नजर रखने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को लेकर बदलाव करता रहता है। जिसकी वजह से बैंकों को भी ब्याज दरों में बदलाव करना पड़ता है।

 यदि आप इन सभी समस्याओं से बचना चाहते हैं तो, आप फिक्स रेट होम लोन का चुनाव कर सकते हैं।

फ्लोटिंग होम लोन रेट्स

फ्लोटिंग होम लोन रेट्स वह होती है, जो बाजार से प्रभावित होती है। यदि बाजार में होम लोन की ब्याज दरों ब्याज दरें कम होती है तो, आपकी ईएमआई भी कम हो जाती है। लेकिन यदि ब्याज दरें बढ़ती है तो आपकी होम लोन की ईएमआई भी बढ़ जाती है।

 अब यहां पर सवाल यह उठता है कि आपको कौन सी होम लोन ईएमआई लेनी चाहिए? हम आपको सजेशन देंगे कि आप फ्लोटिंग होम लोन ईएमआई ले.

 इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यदि आप फिक्स रेट होम लोन लेते हैं तो, इसमें पहले से ही 2% तक की बढ़ोतरी कर दी जाती है। यह बढ़ोतरी बैंक भविष्य को देखकर करते हैं।

 फ्लोटिंग होम लोन आपको फिक्स्ड रेट होम लोन से थोड़ा सस्ता पड़ता है।

फ्लोटिंग होम लोन के साथ एक और एडवांटेज है होता है कि इसमें कोई भी प्रीपेमेंट चार्जेस नहीं होते हैं। यदि आपके की सैलरी बढ़ जाती है। या किसी कारण आपकी इनकम बढ़ जाती है तो, आप समय से पहले अपने लोन का भुगतान कर सकते हैं। ऐसे हालात में आपको किसी भी प्रकार के चार्जेस बैंक को पे करने की जरूरत नहीं है। फ्लोटिंग होम लोन के साथ आपको अतिरिक्त फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है। जो कि फिक्स्ड रेट होम लोन के साथ आपको नहीं मिलती है।

 हालांकि आने वाले समय में एचडी ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है तो, इसमें भी बढ़ोतरी हो सकती है। इस बात को ध्यान में जरूर रखें।

प्रोसेसिंग चार्जेस

बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनीज आपसे होम लोन पर प्रोसेसिंग चार्जेस लेती हैं। कई बार तो यह प्रोसेसिंग चार्जेस एक से 2% तक भी होते हैं। ऐसे में आप होम लोन लेते समय प्रोसेसिंग चार्जेस को लेकर बारगेनिंग कर सकते हैं। और आपको अच्छा खासा डिस्काउंट मिल जाता है।

 त्योहारों के समय आपको प्रोसेसिंग चार्ज में 100% तक की छूट भी दे दी जाती है। ऐसे में आप किसी ऑफर का भी इंतजार कर सकते हैं  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एचडीएफसी जैसे बैंकों में समय-समय पर जीरो प्रोसेसिंग फीस स्ट्रक्चर आ जाता है। उस समय आप होम लोन ले सकते हैं। इससे आपको प्रोसेसिंग चार्जेस पर पूरी तरीके से छूट मिल जाती है।

 यदि आपको पूरी छूट नहीं मिलती है। तब भी आप बैंक से जाकर बात कर सकते हैं। और यह मांग कर सकते हैं कि आप प्रोसेसिंग चार्जेस नहीं देना चाहते हैं। या फिर बिल्कुल ही कम देना चाहते हैं। आमतौर पर बैंक ऐसा करने के लिए राजी हो जाते हैं।

बैंक सर्विस

आजकल ज्यादातर होम लोन की सुविधा आपको ऑनलाइन मिल जाती है। लेकिन पहले आप उस बैंक की सर्विस चेक कर ले। याद रखे कि ज्यादातर सर्विसेज ऑनलाइन होनी चाहिए। इसकी वजह से आपको बार-बार बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

 कई बार देखा जाता है कि बैंक की सर्विस तो अच्छी होती है। लेकिन आप जिस ब्रांच से होम लोन लेना पसंद कर रहे हैं। उसकी सर्विस अच्छी नहीं होती है। ऐसे में आप बैंक की सर्विस को पहले अच्छी तरीके से जांच लें।

 यदि आप किसी बैंक से 0.1% से लेकर 0.2% तक महंगा होम लोन लेना पढ़ रहा है। तो भी आप उसी बैंक या ब्रांच से होम लोन लेना पसंद करें। आपके लिए यह लॉन्ग टर्म में अच्छा रहेगा। आपको बार-बार बैंक नहीं जाना पड़ेगा।

आजकल ज्यादातर बैंक ऑटोमेटिक ईएमआई आपके बैंक अकाउंट से काट लेते हैं। यदि यह फीचर आपके बैंक में भी मौजूद है तो, आपके लिए यह काफी फायदेमंद रहेगा। नहीं तो आपको ब्रांच में जाकर अपना होम लोन ईएमआई चुकाना पड़ेगा। जो कि एक काफी खराब फैसला होने वाला है।

इंटरेस्ट रेट पास ऑन स्पीड

इंटरेस्ट रेट किसी भी लोन का एक महत्वपूर्ण घटक होता है। ऐसे में आप यह चेक करें कि आपका बैंक इंटरेस्ट रेट को कितनी जल्दी पास ऑन अपने ग्राहकों को करता है। यदि आप फ्लोटिंग होम लोन ले रहे हैं तो आपके लिए यह और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है।

 कई बार देखा जाता है कि बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ब्याज दरें घटाने के बाद भी ग्राहकों को इसका फायदा नहीं देते हैं। और अपना मार्जिन बढ़ा लेते हैं।

यदि आपके पास एक फ्लोटिंग होम लोन है तो, इसका आपको सीधा सीधा नुकसान हो सकता है।

 आप यदि गूगल पर सर्च करेंगे तो आसानी से बैंकों का ट्रैक रिकॉर्ड आपको मिल जाएगा। जिस बैंक का ट्रैक रिकॉर्ड सबसे अच्छा हो। आप वहां से होम लोन लेना पसंद करें। यह आपके लिए लॉन्ग टर्म में एक अच्छा डिसीजन हो सकता है।

 हो सकता है कि शुरुआत में कुछ बैंक आपको कम इंटरेस्ट रेट पर होम लोन ऑफर करें। लेकिन वह आपको इंटरेस्ट रेट पास ऑन की सुविधा ना देते हो। ऐसे में आपके लिए लॉन्ग टर्म में एक खराब डिसीजन हो सकता है।

कई बार देखा जाता है कि आरबीआई जितनी इंटरेस्ट रेट कम करते हैं। बैंक उतना नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए यदि आरबीआई ने 1% ब्याज दरें कम की है तो, बैंक इसका  0.50% ही करते हैं। ऐसे में बैंक का मार्जिन आपके होम लोन पर 0.50% बढ़ जाता है। जिससे आपकी होम लोन ईएमआई पर आपको सीधा नुकसान होने वाला है।

होम लोन ट्रांसफर

इंटरेस्ट रेट के अलावा आप यह भी चेक करें कि आपके होम लोन ट्रांसफर की सुविधा आपकी बैंक द्वारा किस प्रकार से दी जाती है? आजकल ज्यादातर बैंक होम लोन ट्रांसफर की सुविधा ऑनलाइन दे रहे हैं। लेकिन फिर भी कुछ बैंक्स ने होम लोन ट्रांसफर की सुविधा को बहुत ही मुश्किल बना रखा है।

 ऐसे में यदि आपको भविष्य में कोई बैंक कम इंटरेस्ट रेट पर होम लोन की सुविधा दे रहा है तो, आप चाह कर भी वहां पर बहुत लंबे समय तक अपना होम लोन ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। जिससे आपको सीधा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

होम लोन इंश्योरेंस

आप जब भी होम लोन ले  उसका इंश्योरेंस जरूर कराएं। यदि आपने लंबे समय तक अपनी ईएमआई का भुगतान किया है। और आपकी किसी कारण मृत्यु हो जाती है  तब आपके यह होम लोन इंश्योरेंस काम आता है।

 मान लीजिए आप की मृत्यु के बाद आपके परिवार वाले उस होम लोन को चुकाने में असमर्थ है। तब उनको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि उनसे वह घर छीन लिया जाए।

 ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने होम लोन का इंश्योरेंस करवाएं। जिससे आपकी मृत्यु के बाद इंश्योरेंस कंपनी आपकी ईएमआई का भुगतान बैंक को करें। आजकल होम लोन इंश्योरेंस काफी ज्यादा सस्ते हो गए हैं। और प्रचलन में भी है  भविष्य की सुरक्षा को देखते हुए आप होम लोन इंश्योरेंस जरूर करवाएं।

क्या आपको अर्ली होम लोन रीपेमेंट करना चाहिए ?

कई बार देखा जाता है कि होम लोन लेने के बाद में आपकी इनकम बढ़ जाती है। ऐसे में आप सोचते हैं कि जल्दी रीपेमेंट कर दिया जाए। यानी कि सभी किस्तों का भुगतान एक साथ कर दिया जाए। जिससे कि आने वाली मंथली ईएमआई से छुटकारा मिल सके।

 यदि आप अपने होम लोन को अर्ली रीपेमेंट करना चाहते हैं तो, इसके लिए आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए।

आपको सबसे पहले यह देखना चाहिए कि आप इनकम टैक्स के कौन से स्लैब में आते हैं। यदि आप 15% इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं तो, आपको जल्दी अपनी एम आई का भुगतान नहीं करना चाहिए।

 क्योंकि आपको अपनी ईएमआई के ब्याज पर ₹200000 सालाना की छूट मिलती है। इसके अलावा यदि आपने हमने होम लोन पर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रखा है। तब भी आपको जल्दी होम लोन रीपेमेंट नहीं करना चाहिए। क्योंकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर आप अपनी होम लोन की ब्याज दरों को 3% या उससे भी कम लेकर आ सकते हैं।

 ऐसे में आपको अपनी एफडी पर भी 6% तक ब्याज आसानी से मिल जाएगा। इस केस में भी आपको 3% फायदा होने वाला है 

 इस तरीके से देखा जाए तो आप अपनी होम लोन की ईएमआई को बिना किसी ब्याज के भुगतान आसानी से कर सकते हैं। लेकिन यदि आप हाई इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं तो, आपको जल्दी होम लोन रीपेमेंट करने के बारे में सोचना चाहिए।