भारत में बैंक लगातार क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड पॉइंट्स और कैशबैक ऑफर कम कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से यह ट्रेंड लगातार देखने को मिल रहा है। बैंक यूटिलिटी बिल, रेंट पेमेंट, ज्वैलरी परचेज, ईएमआई ट्रांजैक्शन आदि में लगातार कमी कर रहे हैं।
बैंक अपने क्रेडिट कार्ड सेगमेंट बिजनेस को प्रॉफिटेबल बनाए रखना चाहते हैं। क्रेडिट कार्ड सेगमेंट के बिजनेस में बैंक का मुनाफा लगातार काम हो रहा है इस वजह से रिवॉर्ड पॉइंट में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है।
किस कैटेगरी में कितने कम हुए रिवॉर्ड पॉइंट
ज्यादातर बैंक्स ने रेंट पेमेंट पर कैशबैक देना बंद कर दिया है। अब ज्यादातर बैंक के क्रेडिट कार्ड द्वारा यह आप रेंट पेमेंट करते हैं तो, आपको एक प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
इसी तरीके से यदि आप यस बैंक के क्रेडिट कार्ड से एक महीने में ₹15000 से ज्यादा के युटिलिटी बिल का भुगतान करते हैं तो, आपको एक प्रतिशत एक्स्ट्रा चार्ज क्रेडिट कार्ड के यूज पर देना होता है।
इसी तरीके से एचडीएफसी बैंक ने पार्टनर वेबसाइट ट्रांजैक्शन पर भी एक प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है। आने वाले समय में इन ट्रांजेक्शन चार्ज में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
इसके अलावा यदि आप आइसीआइसीआइ बैंक के क्रेडिट कार्ड से ज्वैलरी परचेज करते हैं तो, वहां पर भी आपको एक प्रतिशत से लेकर 3% तक अतिरिक्त चार्ज देना होता है।
इसी तरीके का चार्ज आपको इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर भी देना होता है।
बैंक क्यों लग रहे हैं, क्रेडिट कार्ड उसे पर एक्स्ट्रा चार्ज?
पिछले कुछ समय से लगातार क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में वृद्धि देखने को मिल रही है। लोग आजकल क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल रिवॉर्ड पॉइंट के लिए ज्यादा कर रहे हैं। लोग आर्टिफिशियल तरीके से बड़े ट्रांजैक्शन करके अपने माइलस्टोन कंप्लीट कर रहे हैं। और इससे बैंक को से एक्स्ट्रा रिवॉर्ड और कैशबैक earn कर रहे हैं। इसे बैंकों को लगातार घाटा हो रहा है।
बैंकों की नजर खासतौर पर बड़े साइज के ट्रांजैक्शन पर है। इन ट्रांजेक्शन की वजह से ही लगातार बैंकों को नुकसान हो रहा है। इसकी वजह से ज्वेलरी परचेज, utility bill payment, फ्यूल पेमेंट आदि शामिल है।
अधिकतम कैशबैक लिमिट भी लगा रहे हैं बैंक
पहले ज्यादातर क्रेडिट कार्ड अनलिमिटेड कैशबैक कैप के साथ आते थे। हालांकि अब इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। आने वाले समय में बैंक लगातार ऐसे क्रेडिट कार्ड लांच कर रहे हैं। जिन पर कैशबैक की एक लिमिट तय कर दी गई है। उदाहरण के लिए यदि आपको 5% कैशबैक मिलता है तो, उसे बैंक ₹500 या ₹5000 पर सीमित कर रहे हैं। ऐसा क्रेडिट कार्ड के मिस यूज को रोकने के लिए किया जा रहा है। इस तरीके से बैंक लगातार हो रहे क्रेडिट कार्ड फ्रॉड पर भी लगाम लगा सकते हैं। और अपने घाटे को कुछ काम भी कर सकते हैं।
हाल ही में देखा गया है कि बैंक थर्ड पार्टी कंपनियों के साथ मिलकर भी क्रेडिट कार्ड लांच कर रहे हैं। अब इन क्रेडिट कार्ड की भी कैशबैक पर लिमिट लगा दी गई है। इससे पहले इस तरीके की कोई लिमिट ज्यादातर क्रेडिट कार्ड पर नहीं देखी जाती थी।
एयरपोर्ट पर लाउंज एक्सेस करने के लिए भी ले रहे लोग क्रेडिट कार्ड
बहुत सारे लोग एयरपोर्ट पर लाउंज एक्सेस करने के लिए भी क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं। बहुत सारे लोगों के क्रेडिट कार्ड पर कोई भी ट्रांजक्शन नहीं होता है। लेकिन उनके ऊपर लाउंज एक्सेस लिए गए होते हैं। इससे बैंकों का लगातार घाटा बढ़ता जा रहा है।
इस फ्रॉड को रोकने के लिए बैंक क्रेडिट कार्ड पर अब एक स्पेंडिंग लिमिट लगा दी है
यस बैंक और एचडीएफसी बैंक ने एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस करने के लिए हर क्वार्टर में ₹100000 की स्पेंड का क्राइटेरिया तय कर दिया है। पहले इस तरीके का कोई भी क्राइटेरिया ज्यादातर क्रेडिट कार्ड पर देखने को नहीं मिलता था।
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